जब भी किसी व्यक्ति को Income Tax Department से नोटिस मिलता है, तो सबसे पहले उसके मन में डर बैठ जाता है—"कहीं जेल न हो जाए", "कितना जुर्माना लगेगा?", "मैंने गलती क्या की?"। दरअसल, ऐसा डर काफी हद तक जानकारी की कमी के कारण होता है। बहुत से लोग नहीं जानते कि इस तरह के नोटिस सामान्य कारणों से भी आ सकते हैं और इनका सही समय पर जवाब देना ही सबसे बेहतर तरीका होता है।
इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे:
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इनकम टैक्स विभाग से नोटिस क्यों आता है?
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किस-किस तरह के नोटिस भेजे जाते हैं?
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नोटिस का समय पर जवाब क्यों जरूरी है?
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जवाब न देने पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
📌 Income Tax Notice क्यों आता है?
आयकर विभाग टैक्स सिस्टम की पारदर्शिता और सही अनुपालन के लिए नियमित रूप से जांच करता है। यदि किसी करदाता की फाइल में गड़बड़ी पाई जाती है, तो विभाग उन्हें नोटिस भेजता है।
कुछ आम कारण जिनसे नोटिस भेजा जा सकता है:
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आईटीआर फाइल न करना
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गलत जानकारी देना या कोई जानकारी छोड़ देना
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ज्यादा टैक्स रिफंड क्लेम करना
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टीडीएस क्लेम में गड़बड़ी
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बैंक ट्रांजैक्शन और आईटीआर में अंतर
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उच्च वैल्यू के लेन-देन की जानकारी न देना
📄 डिफेक्टिव ITR और धारा 139(9)
अगर आपकी फाइल की गई ITR में कोई खामी है, तो विभाग उसे Defective Return घोषित कर सकता है। ऐसा होने पर Income Tax Act की धारा 139(9) के तहत नोटिस भेजा जाता है।
डिफेक्टिव रिटर्न की पहचान कैसे होती है?
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जरूरी जानकारी छूट गई हो
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TDS क्लेम किया लेकिन इनकम शो नहीं की
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इनकम और टैक्स में अंतर
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गलत फॉर्म का इस्तेमाल
⏰ नोटिस का जवाब कितने दिन में देना होता है?
अगर आपको 139(9) के तहत डिफेक्टिव ITR का नोटिस मिला है, तो 15 दिनों के अंदर जवाब देना अनिवार्य है। यदि समय पर जवाब नहीं दिया गया, तो आपकी ITR अवैध (Invalid) मानी जाएगी।
जवाब नहीं देने पर क्या होगा?
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Tax Refund नहीं मिलेगा
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Penalty लग सकती है
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Re-assessment या Scrutiny शुरू हो सकती है
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आईटीआर को अस्वीकार कर दिया जाएगा
💸 रिफंड नहीं मिलेगा अगर जवाब नहीं दिया गया
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि उन्होंने ITR भर दी, अब रिफंड आ जाएगा। लेकिन अगर नोटिस आया है और आपने जवाब नहीं दिया, तो रिफंड रोक दिया जाता है।
यह खासतौर पर तब होता है जब:
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आपकी आय गलत दिखाई गई हो
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बैंक ब्याज की जानकारी न दी हो
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किसी खास छूट का गलत फायदा लिया गया हो
⚖️ धारा 142(1), 143(2) और 148 के तहत नोटिस
इनकम टैक्स एक्ट के अंतर्गत अलग-अलग धाराओं के तहत भी नोटिस जारी किए जाते हैं:
1. Section 142(1):
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जब विभाग को जानकारी चाहिए कि आपने ITR फाइल क्यों नहीं की।
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दस्तावेज़ और इनकम का विवरण मांगा जाता है।
2. Section 143(2):
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जब आपकी ITR को जांच के लिए चुना गया हो।
3. Section 148:
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जब पुराने वर्षों की आय छिपाने का संदेह हो।
इन सभी नोटिसों का जवाब देना कानूनी रूप से जरूरी होता है।
🧾 कैसे दें नोटिस का जवाब? आसान स्टेप्स
Step 1: नोटिस ध्यान से पढ़ें
हर नोटिस में यह साफ लिखा होता है कि क्या जानकारी मांगी गई है। सबसे पहले समझें कि नोटिस किस धारा के तहत आया है।
Step 2: Income Tax Portal पर Login करें
https://www.incometax.gov.in/ पर लॉगइन करें।
Step 3: E-Proceeding Section में जाएं
यहां आपको “Submit Response” का ऑप्शन मिलेगा।
Step 4: सभी डॉक्युमेंट्स अपलोड करें
नोटिस में जो भी जानकारी मांगी गई है, उसे सही-सही भरें और जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें।
Step 5: Acknowledge लें
जवाब सबमिट करने के बाद एक रिसिप्ट नंबर मिलेगा। उसे सेव करके रखें।
⌛ अगर समय पर जवाब नहीं दे पा रहे तो क्या करें?
यदि किसी कारण से 15 दिन में जवाब देना संभव नहीं है, तो आप Assessing Officer के पास आवेदन करके समय बढ़वा सकते हैं। इसके लिए आपको एक पत्र देना होगा जिसमें कारण और अपेक्षित समय सीमा दी गई हो।
💡 सावधानी रखें – ये गलतियां न करें
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बिना पढ़े नोटिस को इग्नोर न करें
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खुद से जवाब देने की कोशिश में गलत जानकारी न भरें
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चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स सलाहकार की मदद लें
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रजिस्टर मोबाइल और ईमेल आईडी अपडेट रखें ताकि नोटिस समय पर मिले
📢 एक अहम बात – नोटिस का मतलब ये नहीं कि आप अपराधी हैं
ध्यान रखें, नोटिस आना हमेशा नकारात्मक बात नहीं होती। कई बार यह सिर्फ एक साधारण पूछताछ होती है या विभाग को कोई डाटा मिलान करना होता है।
उदाहरण:
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आपने 10 लाख का FD कराया लेकिन उसे ITR में शो नहीं किया
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आपके PAN पर बड़ा लेन-देन हुआ है जिसकी जानकारी विभाग के पास है
ऐसे मामलों में विभाग सिर्फ पुष्टि के लिए नोटिस भेजता है।
✅ टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी सलाह
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हर साल सही समय पर ITR भरें
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सभी इनकम सोर्स दिखाएं—बैंक ब्याज, किराया, शेयर, क्रिप्टो आदि
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TDS की जानकारी फॉर्म 26AS से मिलाएं
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AIS (Annual Information Statement) जरूर चेक करें
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टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लेने में हिचकिचाएं नहीं
🧠 निष्कर्ष: टैक्स नियम समझिए, डरिए मत
Income Tax Department से नोटिस मिलना अब सामान्य बात है। इसे डर के रूप में न लें, बल्कि एक अवसर समझें कि आप अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकें। सही जानकारी के साथ, सही समय पर नोटिस का जवाब देना न केवल कानूनी रूप से जरूरी है, बल्कि आपको भविष्य की परेशानियों से भी बचा सकता है।
📌 ध्यान रखें:
"नोटिस का समय पर जवाब देना ही समझदारी है, नजरअंदाज करना नहीं!"
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