आज के समय में शिक्षा, घर, वाहन, व्यवसाय या मेडिकल इमरजेंसी जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लोन लेना एक आम बात हो गई है। लेकिन लोन लेने से पहले बैंकों या वित्तीय संस्थानों की एक महत्वपूर्ण शर्त होती है – सिबिल स्कोर (CIBIL Score) । अगर आपका स्कोर सही रेंज में आता है, तो लोन मिनटों में स्वीकृत हो सकता है, वरना अच्छी डील मिलना भी मुश्किल हो जाता है। क्या होता है सिबिल स्कोर? सिबिल स्कोर (CIBIL Score) एक तीन अंकों की संख्या होती है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाती है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और इसे भारत की पहली क्रेडिट ब्यूरो कंपनी CIBIL (Credit Information Bureau India Limited) द्वारा तैयार किया जाता है। यह स्कोर बताता है कि आपने अपने पुराने लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान कैसे किया है। सिबिल स्कोर कैसे तय होता है? आपके सिबिल स्कोर को तय करने में कई कारकों की भूमिका होती है: भुगतान का इतिहास (Payment History): समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने पर स्कोर बढ़ता है। क्रेडिट उपयोग अनुपात (Credit Utilization Ratio): जितना कम उपयोग, उतना बेहतर। क्रेडिट ...