बैंक अकाउंट किसी भी व्यक्ति की वित्तीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। जब कोई व्यक्ति अपने जीवनकाल में बैंक अकाउंट खोलता है, तो बैंक उसे नॉमिनी जोड़ने का विकल्प देता है। नॉमिनी वह व्यक्ति होता है जिसे अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद उसके बैंक खाते में जमा राशि सौंप दी जाती है। लेकिन क्या होगा अगर किसी बैंक खाते में नॉमिनी जोड़ा ही न गया हो?
यह एक आम समस्या है, क्योंकि कई लोग नॉमिनी जोड़ने की प्रक्रिया को महत्व नहीं देते हैं। ऐसे में खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके बैंक खाते में जमा राशि किसे और कैसे मिलेगी, यह सवाल उठता है। इस लेख में हम आपको विस्तार से समझाएंगे कि इस स्थिति में पैसा किसे मिलेगा और उत्तराधिकारी को इसे प्राप्त करने के लिए क्या प्रक्रिया अपनानी होगी।
1. बैंक खाते में नॉमिनी क्यों जरूरी है?
बैंक खाता खोलते समय नॉमिनी जोड़ने के कई फायदे होते हैं:
- आसान दावा प्रक्रिया: खाताधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी को पैसा बिना किसी कानूनी झंझट के मिल जाता है।
- कानूनी विवाद से बचाव: यदि कोई नॉमिनी नहीं होता है, तो उत्तराधिकारियों के बीच विवाद हो सकता है।
- तेज़ी से धन हस्तांतरण: बैंक खातों में नॉमिनी होने पर कानूनी उत्तराधिकारी की तुलना में जल्दी पैसा मिल जाता है।
2. नॉमिनी के अधिकार और पैसा कैसे मिलता है?
अगर अकाउंट होल्डर ने नॉमिनी जोड़ा है, तो उसकी मृत्यु के बाद बैंक सीधे नॉमिनी को पैसा ट्रांसफर कर देता है।
(A) एक से अधिक नॉमिनी होने पर क्या होता है?
अगर किसी व्यक्ति ने अपने बैंक खाते में एक से अधिक नॉमिनी बनाए हैं, तो बैंक सभी नॉमिनी को समान अनुपात में पैसा वितरित करता है। हालांकि, कुछ बैंकों में खाताधारक को यह विकल्प दिया जाता है कि वह यह तय कर सके कि प्रत्येक नॉमिनी को कितनी राशि दी जाए।
उदाहरण:
- अरविंद के मामले में:
अरविंद ने अपने बैंक खाते में तीन नॉमिनी (पत्नी, मां और बहन) जोड़े हैं। अगर उनकी मृत्यु होती है, तो उनकी जमा राशि तीनों में बराबर बाँट दी जाएगी। - करण के मामले में:
करण ने अपनी पत्नी, मां और बहन को नॉमिनी बनाया, लेकिन यह भी निर्धारित किया कि पत्नी को 50%, मां को 25% और बहन को 25% पैसा मिलेगा। करण की मृत्यु के बाद पैसा इसी अनुपात में वितरित किया जाएगा।
3. अगर नॉमिनी नहीं है तो पैसा किसे मिलेगा?
अगर किसी व्यक्ति के बैंक खाते में नॉमिनी नहीं है, तो उसकी जमा राशि कानूनी उत्तराधिकारी को दी जाती है।
(A) कानूनी उत्तराधिकारी कौन होता है?
- अगर खाताधारक विवाहित था: उसकी पत्नी, बच्चे और माता-पिता कानूनी उत्तराधिकारी माने जाएंगे।
- अगर खाताधारक अविवाहित था: उसके माता-पिता, भाई-बहन कानूनी उत्तराधिकारी बन सकते हैं।
(B) उत्तराधिकारी को पैसे कैसे मिलेंगे?
उत्तराधिकारी को बैंक में दावा करने के लिए कुछ कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।
4. कानूनी उत्तराधिकारी को पैसे प्राप्त करने की प्रक्रिया
अगर नॉमिनी नहीं है, तो उत्तराधिकारी को निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी:
(A) आवश्यक दस्तावेज:
बैंक में पैसे का दावा करने के लिए कानूनी उत्तराधिकारी को ये दस्तावेज़ जमा करने होंगे:
- मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate): यह सरकारी प्रमाणपत्र है जो साबित करता है कि खाताधारक की मृत्यु हो चुकी है।
- उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Legal Heir Certificate): यह साबित करता है कि दावा करने वाला व्यक्ति कानूनी उत्तराधिकारी है।
- केवाईसी दस्तावेज़ (KYC Documents): उत्तराधिकारी का आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट या अन्य पहचान पत्र।
- बैंक का अनुरोध पत्र (Claim Application): बैंक में दावा करने के लिए एक आधिकारिक पत्र।
- लेटर ऑफ डिस्क्लेमर (Letter of Disclaimer - Annexure A): अगर कोई कानूनी उत्तराधिकारी पैसे का दावा नहीं करना चाहता है, तो वह इस पत्र पर हस्ताक्षर कर सकता है।
- लेटर ऑफ इंडेम्निटी (Letter of Indemnity - Annexure C): यह बैंक को सुरक्षा प्रदान करता है कि भविष्य में कोई अन्य व्यक्ति पैसे का दावा नहीं करेगा।
(B) प्रक्रिया:
- बैंक शाखा में संपर्क करें: उत्तराधिकारी को संबंधित बैंक शाखा में जाना होगा।
- दस्तावेज़ जमा करें: सभी आवश्यक दस्तावेज़ बैंक में प्रस्तुत करें।
- बैंक द्वारा सत्यापन: बैंक सभी दस्तावेजों की जांच करेगा।
- पैसे का ट्रांसफर: सत्यापन पूरा होने के बाद, बैंक कानूनी उत्तराधिकारी के खाते में पैसे ट्रांसफर कर देगा।
5. बिना उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र के क्या होगा?
अगर किसी मृतक के पास कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र नहीं है, तो बैंक कोर्ट से आदेश (Succession Certificate) मांग सकता है। यह प्रमाणपत्र कोर्ट द्वारा जारी किया जाता है और साबित करता है कि कौन व्यक्ति धन प्राप्त करने का हकदार है।
(A) उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करें?
- लोकल कोर्ट में आवेदन करें।
- कोर्ट द्वारा सभी दस्तावेजों की जांच होगी।
- सुनवाई के बाद कोर्ट प्रमाणपत्र जारी करेगा।
- इस प्रमाणपत्र के आधार पर बैंक धन हस्तांतरित करेगा।
6. डीमैट अकाउंट और एफडी के मामले में क्या होगा?
- डीमैट अकाउंट: अगर नॉमिनी नहीं है, तो शेयर और अन्य निवेश कानूनी उत्तराधिकारी को मिलते हैं।
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): नॉमिनी के अभाव में उत्तराधिकारी को क्लेम करना होगा।
7. नॉमिनी जोड़ने का तरीका
अगर आपने अभी तक अपने बैंक खाते में नॉमिनी नहीं जोड़ा है, तो आप ये प्रक्रिया अपना सकते हैं:
- नेट बैंकिंग: अधिकांश बैंक नेट बैंकिंग के जरिए नॉमिनी जोड़ने की सुविधा देते हैं।
- बैंक ब्रांच: आप बैंक जाकर भी नॉमिनी जोड़ सकते हैं।
- मोबाइल ऐप: कुछ बैंक अपने मोबाइल ऐप के जरिए नॉमिनी जोड़ने की सुविधा देते हैं।
निष्कर्ष
अगर बैंक खाते में नॉमिनी नहीं है, तो कानूनी उत्तराधिकारी को धन प्राप्त करने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए बैंक खाते में नॉमिनी जोड़ना सबसे अच्छा विकल्प है। इससे धन प्राप्त करने की प्रक्रिया तेज़ और सरल हो जाती है और कानूनी उलझनों से बचा जा सकता है। इसलिए, अगर आपके बैंक खाते में अभी तक नॉमिनी नहीं है, तो आज ही इसे अपडेट करें।
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